सैद्धांतिकदेव
From जैनकोष
नन्दि संघ के देशीय गण नं.2 की गुर्वावली के अनुसार आप शुभचन्द्र नं.2 के शिष्य थे। समय-वि.1072-1103 ई.1015-1045 (पं.सं./प्रा./प्र./घ.H.L.Jain)-देखें इतिहास - 5.14)।
नन्दि संघ के देशीय गण नं.2 की गुर्वावली के अनुसार आप शुभचन्द्र नं.2 के शिष्य थे। समय-वि.1072-1103 ई.1015-1045 (पं.सं./प्रा./प्र./घ.H.L.Jain)-देखें इतिहास - 5.14)।