तुरीयचारित्र
From जैनकोष
सूक्ष्मसांपराय चारित्र । यह संज्वलन लोभ का अत्यंत मंद उदय होने पर दशम गुणस्थान में होता है । महापुराण 54.225
सूक्ष्मसांपराय चारित्र । यह संज्वलन लोभ का अत्यंत मंद उदय होने पर दशम गुणस्थान में होता है । महापुराण 54.225