तृषापरीषह
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == देखें पिपासा ।
पुराणकोष से
तृषा जनित वेदना को सहना । महापुराण 36.116 इसमें पानी पाने की तीन अभिलाषा होने पर तथा जलाशय आदि साधनों की उपलब्धि होने पर भी नियम आदि के निर्वाह हेतु जल का ग्रहण नहीं किया जाता, तृषा से उत्पन्न वेदना को विशुद्ध परिणामों से आमरण सहन किया जाता है । महापुराण 76.366-369