दशवैकालिक
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == द्वादशांग ज्ञान के चौदह पूर्वों में से सातवां अंग बाह्य।–देखें श्रुतज्ञान - III।
पुराणकोष से
अंगबाह्य श्रुत का सातवाँ प्रकीर्णक । इसमें मुनियों की गोचरी आदि वृत्तियों का वर्णन किया गया है । हरिवंशपुराण 2.103, 10.134