वज्रमुखकुंड
From जैनकोष
एक कुंड । गंगा इसी कुंड में गिरती है । यह भूमि पर साठ योजन चौड़ा तथा दस योजन गहरा है । हरिवंशपुराण 5. 141-142
एक कुंड । गंगा इसी कुंड में गिरती है । यह भूमि पर साठ योजन चौड़ा तथा दस योजन गहरा है । हरिवंशपुराण 5. 141-142