वैश्वानर
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == अपर नाम विशालनयन था । चह चतुर्थ रुद्र हुए हैं–देखें शलाका पुरुष - 7 ।
पुराणकोष से
(1) कुरुवंशी एक राजा । इसे राज्य राजा विश्व से मिला था । इसके पश्चात् विश्वकेतु राजा हुआ । हरिवंशपुराण 45.17
(2) विद्याधरों की एक जाति । इस जाति के विद्याधर विद्याबल वाले होते हैं तथा देवों के समान क्रीड़ाएं करते हैं । पद्मपुराण 7.119