शास्त्रदान
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से == देखें दान ।
पुराणकोष से
दान का एक भेद । सत्पुरुषों का उपहार करने की इच्छा हु शास्त्र का व्याख्यान करना या पठन-सामग्री देना शास्त्रदान है । इसके देने और लेने वाले दोनों के कर्मों का संवर-निर्जरा और पुण्य होता है । यह निजानंद रूप मोक्ष-प्राप्ति का कारण है । महापुराण 56.66-67, 69, 72-73, 76