कांजी-आहार
From जैनकोष
केवल भात व जल मिलाकर पानी, अथवा केवल चावलों की मांड़ पीना। (व्रत विधान संग्रह/पृ. २६)।
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केवल भात व जल मिलाकर पानी, अथवा केवल चावलों की मांड़ पीना। (व्रत विधान संग्रह/पृ. २६)।
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