खेट
From जैनकोष
ति.प./४/१३९८...। गिरिसरिकदपरिवेढं खेडं...।=पर्वत और नदी से घिरा हुआ खेट कहलाता है। ध.१३/५,५,६३/३३५/७ सरितपर्वतावरुद्धं खेडं णाम।=नदी और पर्वत से अवरुद्ध नगर की खेट संज्ञा है। (म.पु./१६/१६१); (त्रि.सा./६७६)।
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