प्रवाद
From जैनकोष
स्याद्वादमंजरी/30/334/14 प्रकर्षेण उद्यते प्रतिपाद्यते स्वाभ्युपगतोऽर्थो यैरिति प्रवादाः । = जिसके द्वारा इष्ट अर्थ को उत्तमता से प्रतिपादित किया जाय, उसे प्रवाद कहते हैं ।
स्याद्वादमंजरी/30/334/14 प्रकर्षेण उद्यते प्रतिपाद्यते स्वाभ्युपगतोऽर्थो यैरिति प्रवादाः । = जिसके द्वारा इष्ट अर्थ को उत्तमता से प्रतिपादित किया जाय, उसे प्रवाद कहते हैं ।