चक्रक
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (श्लो.वा/4/न्या.459/555)।
पुराणकोष से
माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । महापुराण 62.78
वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (श्लो.वा/4/न्या.459/555)।
माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । महापुराण 62.78