अर्हद्दत्त
From जैनकोष
(1) महावीर की मूल परंपरा में लोहाचार्य के पश्चात् होने वाले चार आचार्यों में अंतिम आचार्य । वीवच 1.41-42
(2) धनदत्त और नंदयशा का पुत्र । महापुराण 70.185, हरिवंशपुराण 18.113-115
(3) एक सेठ । इसने वर्षायोग में आहार के लिए आये गगन-विहारी मुनियों को निराचार जानकर उन्हें आहार नहीं दिया । पीछे आचार्य द्युति भट्टारक के द्वारा भूल बतायी जाने पर इसने बहुत पश्चात्ताप किया और अंत में इन मुनियों को मथुरा में आहार देकर संतुष्ट हुआ । महापुराण 92.14-31, 42