निरनुयोज्यानुपेक्षण
From जैनकोष
न्यायदर्शन सूत्र/ मू./5/2/22 अनिग्रहस्थाने निग्रहस्थानाभियोगो निरनुयोज्यानुयोग:।22। =निग्रहस्थान नहीं उठाने के अवसर पर निग्रहस्थान का उठा देना वक्ता का ‘निरनुयोज्यानुयोग’ नामक निग्रहस्थान है। नोट–( श्लोकवार्तिक 4/1/33/ न्या.श्लो.262-263)–में इसका निराकरण किया है।