यथार्थ
From जैनकोष
न्यायविनिश्चय/ वृ./1/38/282/11 यो येन स्वभावेन स्थितोऽर्थः स यथार्थस्तमिति। = जो पदार्थ जिस स्वभाव से स्थित है, उसको यथार्थ कहते हैं।
न्यायविनिश्चय/ वृ./1/38/282/11 यो येन स्वभावेन स्थितोऽर्थः स यथार्थस्तमिति। = जो पदार्थ जिस स्वभाव से स्थित है, उसको यथार्थ कहते हैं।