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एक विशाल उद्यान । चक्रपुर नगर का राजा रत्नायुध इसी उद्यान में वज्रदंत महामुनि से मेघविजय हाथी का पूर्वभव सुनकर संयमी हुआ था । महापुराण 59.241-271