महामंडप
From जैनकोष
तीर्थंकर के जन्माभिषेक के समय इंद्र द्वारा रचित मंडप । इसके नीचे समस्त प्राणी निराबाध बैठ सकते हैं । महापुराण 13.104-105
तीर्थंकर के जन्माभिषेक के समय इंद्र द्वारा रचित मंडप । इसके नीचे समस्त प्राणी निराबाध बैठ सकते हैं । महापुराण 13.104-105