हीन
From जैनकोष
- गणित की व्यकलन प्रक्रिया में मूल राशि को ऋण राशिकरि हीन कहा जाता है। - देखें गणित - II.1.4।
- मुनियों को उत्थित कायोत्सर्ग के दोषों का त्याग करना चाहिए। उन दोषों में एक दोष है-- कायोत्सर्ग के योग्य प्रमाण से कम काल तक करना हीन या न्यून।
कायोत्सर्ग के अतिचारों के बारे में विस्तार से जानने के लिये देखें व्युत्सर्ग - 1.10।