कर्मक्षय व्रत
From जैनकोष
व्रत विधान संग्रह/१२१ कुल समय=२९६ दिन; कुल उपवास=१४८; कुल पारणा=१४८।। विधि—सात प्रकृतियों के नाशार्थ ७ चतुर्थियों के ७ उपवास; तीन प्रकृतियों के नाशार्थ ३ सप्तमियों के ३ उपवास; छत्तीस प्रकृतियों के नाशार्थ ३६ नवमियों को ३६ उपवास; एक प्रकृति के नाशार्थ १ दशमी का १ उपवास। १६ प्रकृतियों के नाशार्थ १६ द्वादशियों के १६ उपवास और ८५ प्रकृतियों के नाशार्थ ८५ चतुर्दशियों के ८५ उपवास। इस प्रकार कुल १४८ उपवास पूरे करे। ‘‘ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं’’ इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। ह.पु./३४/१२१ २९६ दिन तक लगातार १ उपवास व १ पारणा के क्रम से १४८ उपवास व १४८ ही पारणा करे। ‘‘सर्वकर्मरहिताय सिद्धाय नम:’’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे।