आहार वर्गणा
From जैनकोष
षट्खण्डागम 14/5, 6/सूत्र पृष्ठ
ओरालिय-वेउव्विय-आहारसरीराणं जाणि दव्वाणि घेत्तूण ओरालियवेउव्विय-आहारसरीरत्तए परिणामेदूणं परिणमंति जीवा ताणि दव्वाणि आहारदव्ववग्गणा णाम (730/546)
औदारिक, वैक्रियक और आहारक शरीरों के (योग्य) जिन द्रव्यों को ग्रहण कर औदारिक, वैक्रियक और आहारक शरीर रूप से परिणमाकर जीव परिणमन करते हैं, उन द्रव्यों की आहारद्रव्यवर्गणा संज्ञा है । (730/546)
वर्गणाओं को विस्तार से जानने के लिये देखें वर्गणा ।