मृग-द्विप
From जैनकोष
मृग जाति के हाथी ये भयभीत होकर भागने वाले हरिणों के समान भागने में कुशील होते हैं । युद्ध में इनका धीरे-धीरे चलना अशुभ सूचक होता है । महापुराण 44.204,226
मृग जाति के हाथी ये भयभीत होकर भागने वाले हरिणों के समान भागने में कुशील होते हैं । युद्ध में इनका धीरे-धीरे चलना अशुभ सूचक होता है । महापुराण 44.204,226