महाभीम
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
राक्षस जातीय एक व्यंतर–देखें राक्षस ।
नव नारद में से दूसरे नारद का नाम –देखें शलाका पुरुष - 6।
पुराणकोष से
(1) किन्नर आदि व्यंतर देवों का बारहवाँ इंद्र और प्रतींद्र । वीरवर्द्धमान चरित्र 14.61
(2) राक्षसों का स्वामी । इसने मेघवाहन से लंका में रहने तथा परचक्र द्वारा आक्रांत होने पर दंडक पर्वत के नीचे स्थित अलंकारोदय नगर में आश्रय लेने के लिए कहा था । पद्मपुराण 43.19-28
(3) नौ नारदों में दूसरा नारद । हरिवंशपुराण 60.548 देखें नारद