विपुल
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
- भाविकालीन 15वें तीर्थंकर । अपर नाम बहुलप्रभ।–देखें तीर्थंकर - 5।
- एक चंद्र परिवार में अट्ठासी ग्रह होते हैं । उनमें से एक ग्रह का नाम विपुल है । –देखें ग्रह ।
पुराणकोष से
(1) आगामी पंद्रहवें तीर्थंकर । महापुराण 76.479, हरिवंशपुराण 60. 560
(2) नवें कुलकर । इनका अपर नाम यशस्वान् था । महापुराण 3. 125, पद्मपुराण 3.86 देखें यशस्वान्
(3) एक उद्यान । तीर्थंकर मुनिसुव्रत ने यहाँ दीक्षा ली थी । पद्मपुराण 21.36-27 देखें मुनिसुव्रत