मुनिसुव्रतनाथ
From जैनकोष
1. महापुराण/67/ श्लोक नं.
पूर्वभव नं. 2 में चंपापुर नगर के राजा हरिवर्मा थे। 2। पूर्वभव में प्राणतेंद्र थे।15। (युगपत् सर्वभव के लिए देखें श्लोक - 60)–वर्तमान भव में 20 वें तीर्थंकर हुए। (विशेष देखें तीर्थंकर - 5)।
2. भविष्यत् कालीन 11वें तीर्थंकर। अपर नाम सुव्रत या जयकीर्ति–देखें तीर्थंकर - 5)।