उन्मान
From जैनकोष
राजवार्तिक/3/38/3/205/23 ...... कुष्टतगरादिभांडं येनोत्क्षिप्य मीयते तदुन्मानम् । ....। = तगर आदि द्रव्यों को ऊपर उठाकर जिनसे तोला जाता है वे तराजू आदि उन्मान हैं ।।
देखें प्रमाण - 5।
राजवार्तिक/3/38/3/205/23 ...... कुष्टतगरादिभांडं येनोत्क्षिप्य मीयते तदुन्मानम् । ....। = तगर आदि द्रव्यों को ऊपर उठाकर जिनसे तोला जाता है वे तराजू आदि उन्मान हैं ।।
देखें प्रमाण - 5।