उपरत बंध
From जैनकोष
गोम्मटसार कर्मकांड/भाषा/644/838
वर्तमान काल विषै जहाँ पर नव संबंधी आगामी आयु का बंध होई ... तहाँ बंध कहिये जो आगामी आयु का अतीतकाल विषै बंधन भया, वर्तमान काल विषै भी न हो है ... तहाँ अबंध कहिये । जहाँ आगामी आयु का पूर्व बंध भया हो और वर्तमान काल विषै बंध न होता हो ... तहाँ उपरतबंध कहिये ।
देखें बंध - 1.9।