उपास्ति
From जैनकोष
सेनापुर नगर का एक गृहस्थ । यह बड़ा दानी था । दान के प्रमाद से मरकर यह अंद्रकपुर में मद्रनामक गृहस्थ और उसकी पत्नी धारिणी का पुत्र हुआ था । अपने सुसंस्कारों के कारण उसका प्रबोध होता गया और सुगतियाँ मिलती गयी । पद्मपुराण 31.22-32