विद्युद्वाहन
From जैनकोष
एक विद्याधर । यह विद्याधर अशनिवेग का पुत्र था । इसने राजा किष्किंध के साथ युद्ध किया था । किष्किंध ने इसके वक्षस्थल पर एक शिखा फेंकी थी जिससे यह मुक्त हो गया था । कुछ ही समय में सचेत होकर इसने वही शिला किष्किंध के वक्षस्थल पर फेंकी थी, जिससे किष्किंध भी मूर्च्छित हो गया था । पद्मपुराण 6.462-467