विश्वप्रवेशिनी
From जैनकोष
कुल और जाति में उत्पन्न विद्या । यह विद्याघरों के पास होती है । अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज ने यह विद्या सिद्ध की थी । महापुराण 62.387-391
कुल और जाति में उत्पन्न विद्या । यह विद्याघरों के पास होती है । अर्ककीर्ति के पुत्र अमिततेज ने यह विद्या सिद्ध की थी । महापुराण 62.387-391