वनवती
From जैनकोष
एणीपुत्र के पूर्वभव की माँ-एक देवी । वसुदेव के शौर्यपुर जाने को इच्छा प्रकट करने पर इसने रत्नों से दैदीप्यमान एक विमान की रचना कर वसुदेव को दिया था और वसुदेव के शौर्यपुर-आगमन की सूचना इसी ने समुद्रविजय को दी थी । हरिवंशपुराण 32.19, 38, 53-10, 24