मणिमाली
From जैनकोष
विद्याधर दंड का पुत्र । इसका पिता आर्तध्यान से मरकर इसके भंडार में अजगर हुआ था । किसी निमित्तज्ञानी ने पिता को विषय-त्याग का उपदेश दिया था । अजगर ने उपदेश सुना और विषयों का त्याग किया । मरकर वह ऋद्धिधारी देव हुआ । इस देव ने आकर इसे एक हार उपहार में दिया । महापुराण 5.117-137