श्रीचंद्रा
From जैनकोष
(1) मेरु की वायव्य दिशा में विद्यमान दूसरी वापी । हरिवंशपुराण 5.344
(2) वानरवंशी राजा विद्युत्केश की रानी । पद्मपुराण 6.236-238
(3) सुजन देश में नगरशोभनगर के राजा दृढ़मित्र के भाई सुमित्र और उसकी वसुंधरा रानी की पुत्री । वनगिरि नगर के राजकुमार वनराज ने इसका अपहरण कराया था । इसके किन्नरमित्र और यक्षमित्र ने वनराज से युद्ध भी किया था किंतु वे पराजित हो गये थे । अंत में जीवंधर ने उसे हराया और इसका विवाह नंदाढ्यकुमार के साथ कराया था । महापुराण 75.438-439, 521