सत्यप्रवाद
From जैनकोष
पूर्वगत श्रुत का एक भेद । इसमें एक करोड़ छ: पद हैं, जिसमें बारह प्रकार की भाषा तथा दस प्रकार के वचनों का कथन किया गया है । हरिवंशपुराण 2.98,10.91
पूर्वगत श्रुत का एक भेद । इसमें एक करोड़ छ: पद हैं, जिसमें बारह प्रकार की भाषा तथा दस प्रकार के वचनों का कथन किया गया है । हरिवंशपुराण 2.98,10.91