अमोघदर्शन
From जैनकोष
चंदनवन नगर का राजा । इसकी रानी चारुमति और चारुचंद्र पुत्र था । कौशिक ऋषि के आक्रोश से भयभीत होकर यह सपत्नीक तापस हो गया था । तापस वेष मे ही ऋषभदत्ता नाम की इसे एक पुत्री हुई थी । यह पुत्री प्रसूति के बाद मरकर केवलप्रभबल्लभा नाम की नागकुमारी हुई । हरिवंशपुराण 29.24-50