च्यवन कल्प
From जैनकोष
भ.आ./मू./२८५/५०१/८ वर्जय अतिचारप्रकारं ज्ञानदर्शनचारित्रविषयं ...च्यवनकल्पेनोच्यन्ते। =दर्शन ज्ञान चारित्र के अतिचारों का टालना च्यवनकल्प के द्वारा कहा जाता है।
भ.आ./मू./२८५/५०१/८ वर्जय अतिचारप्रकारं ज्ञानदर्शनचारित्रविषयं ...च्यवनकल्पेनोच्यन्ते। =दर्शन ज्ञान चारित्र के अतिचारों का टालना च्यवनकल्प के द्वारा कहा जाता है।