राजतमालिका
From जैनकोष
चंपा नगरी की निकटवर्तिनी एक नदी । तीर्थंकर वासुपूज्य ने इसी नदी के तट पर स्थित मंदारगिरि के मनोहर उद्यान में योग-निरोध करके निर्वाण प्राप्त किया था । महापुराण 58.50-53
चंपा नगरी की निकटवर्तिनी एक नदी । तीर्थंकर वासुपूज्य ने इसी नदी के तट पर स्थित मंदारगिरि के मनोहर उद्यान में योग-निरोध करके निर्वाण प्राप्त किया था । महापुराण 58.50-53