जिनभद्र
From जैनकोष
आप एक श्वेताम्बराचार्य थे। गणी व क्षमाश्रमण की उपाधि से विभूषित थे। निम्न रचनाए की हैं–
- विशेषावश्यक भाष्य,
- बृहत्क्षेत्रसमास,
- बृहत्संग्रहिणी विशेषवती आदि। (वर्तमान में उपलब्ध बृहत्संग्रहिणी चन्द्रमहर्षि कृत है। समय–विशेषावश्यक भाष्य का रचनाकाल वि.६५०, अवसान काल वि.श.७ का अन्त। अत: ई.५९०-६४३। (जै./२/६२)।