अनंतबल मुनि
From जैनकोष
पद्मपुराण सर्ग १४/३७०-३७१ मेरु की वन्दना करके लौटते समय मार्गमें आपसे रावणने परस्त्री त्याग व्रत ग्रहण किया था।
पद्मपुराण सर्ग १४/३७०-३७१ मेरु की वन्दना करके लौटते समय मार्गमें आपसे रावणने परस्त्री त्याग व्रत ग्रहण किया था।