तत्त्वार्थसार
From जैनकोष
राजवार्तिकालंकारक के आधार पर लिखा गया यह ग्रन्थ तत्त्वार्थ का प्ररूपक है। आ०अमृतचन्द्र (ई०९०५-९५५) द्वारा संस्कृत श्लोकों में रचा गया है। इसमें ९ अधिकार और कुल ७२० श्लोक हैं।
राजवार्तिकालंकारक के आधार पर लिखा गया यह ग्रन्थ तत्त्वार्थ का प्ररूपक है। आ०अमृतचन्द्र (ई०९०५-९५५) द्वारा संस्कृत श्लोकों में रचा गया है। इसमें ९ अधिकार और कुल ७२० श्लोक हैं।