ऋजुसूत्रनय
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि/1/33/142/9
ऋजु प्रगुणं सूत्रयति तंत्रयतीति ऋजुसूत्र:।
=ऋजु का अर्थ प्रगुण है। ऋजु अर्थात् सरल को सूचित करता है अर्थात् स्वीकार करता है, वह ऋजुसूत्र नय है।
सर्वार्थसिद्धि/1/33/142/9
पूर्वापरांस्त्रिकालविषयानतिशय्य वर्तमानकालविषयानादत्ते अतीतानागतयोर्विनष्टानुत्पन्नत्वेन व्यवहाराभावात् ।
=यह नय पहिले और पीछेवाले तीनों कालों के विषय को ग्रहण न करके वर्तमान काल के विषयभूत पदार्थों को ग्रहण करता है, क्योंकि अतीत के विनष्ट और अनागत के अनुत्पन्न होने से उनमें व्यवहार नहीं हो सकता।
अधिक जानकारी के लिये देखें नय - III.5।