आलोकिनी
From जैनकोष
दूसरों के मनोगतभावों को जानने में सहायक विद्या । यह विद्या मनोयोग विद्याधर की रानी मनोवेगा को सिद्ध थी । महापुराण 75.42-43
दूसरों के मनोगतभावों को जानने में सहायक विद्या । यह विद्या मनोयोग विद्याधर की रानी मनोवेगा को सिद्ध थी । महापुराण 75.42-43