अवधि मरण
From जैनकोष
भगवती आराधना / विजयोदया टीका/25/87/13 यो यादृशं मरणं सांप्रतमुपैति तादृगेव मरणं यदि भविष्यति तदवधिमरणम्। = जो प्राणी जिस तरह का मरण वर्तमान काल में प्राप्त करता है, वैसा ही मरण यदि आगे भी उसको प्राप्त होगा तो ऐसे मरण को अवधिमरण कहते हैं।
अन्य परिभाषाएं, भेद-प्रभेद और अधिक जानकारी के लिए देखें मरण - 1.5