अनगारधर्मामृत
From जैनकोष
पं. आशाधरजी (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध यत्याचार विषयक एक प्रसिद्ध ग्रन्थ। इसमें ९ अध्याय तथा ९५४ श्लोक हैं।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/४६), (जै. १/४२६)
पं. आशाधरजी (ई. ११७३-१२४३) द्वारा रचित संस्कृत श्लोक बद्ध यत्याचार विषयक एक प्रसिद्ध ग्रन्थ। इसमें ९ अध्याय तथा ९५४ श्लोक हैं।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ४/४६), (जै. १/४२६)