तोरण
From जैनकोष
ध./१४/५,६,५१/३९/४ पुराणं पुराणं पासादाणं वंदणमालबंधणट्ठं पुरदोट्ठविदरूक्खविसेसा तोरणं णाम। =प्रत्येक पुर प्रासादों पर वन्दनमाला बाधने के लिए आगे जो वृक्ष विशेष रखे जाते हैं वह तोरण कहलाता है।
ध./१४/५,६,५१/३९/४ पुराणं पुराणं पासादाणं वंदणमालबंधणट्ठं पुरदोट्ठविदरूक्खविसेसा तोरणं णाम। =प्रत्येक पुर प्रासादों पर वन्दनमाला बाधने के लिए आगे जो वृक्ष विशेष रखे जाते हैं वह तोरण कहलाता है।