रोमहर्षिणी
From जैनकोष
वशिष्ठपाराशरजतुकर्णवाल्मीकिरोमहर्षिणिसत्यदत्तव्यासैलापुत्रौपमंयवेंद्रदत्तायस्थूला-दिमार्गभेदात् वैनयिकाः द्वात्रिंशद्गणना भवंति। = वशिष्ठ, पाराशर, जतुकर्ण, वाल्मीकि, रोमहर्षिणि, सत्यदत्त, व्यास, एलापुत्र, औपमन्यु, ऐंद्रदत्त, अयस्थूल आदिकों के मार्गभेद से वैनयिक 32 होते हैं।
एक विनयवादी−देखें वैनयिक ।