इंद्रसुखोदयक्रिया
From जैनकोष
छत्तीसवीं गर्भान्वय क्रिया । इस क्रिया में इंद्रपद को प्राप्त जीव देवों को अपने-अपने विमानों की ऋद्धि प्रदान करता है । महापुराण 38.200
छत्तीसवीं गर्भान्वय क्रिया । इस क्रिया में इंद्रपद को प्राप्त जीव देवों को अपने-अपने विमानों की ऋद्धि प्रदान करता है । महापुराण 38.200