तंत्र
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
धवला 13/5,5,82/349/8 जोणिपाहुड़े भणिदमंत-तंतसत्तीयो पोग्गलाणुभागो त्ति घेत्तव्वो। = योनिप्राभृत में कहे गए मंत्र-तंत्ररूप शक्तियों का नाम पुद्गलानुभाग है।
अधिक जानकारी के लिये देखें मंत्र ।
पुराणकोष से
स्व-राष्ट्र की व्यवस्था । यह मंत्रि-परिषद् के परामर्श के अनुसार की जाती थी । महापुराण 41.137