दीपचंदशाह
From जैनकोष
सांगानेर (जयपुर) के निवासी एक पण्डित थे। कृति–चिद्विलास, आत्मावलोकन व अनुभवप्रकाश आदि। समय–वि.१७७९ ई०१७२२। (ती./४/२९)। मो.मा.प्र./प्र.२ परमानन्दशास्त्री।
सांगानेर (जयपुर) के निवासी एक पण्डित थे। कृति–चिद्विलास, आत्मावलोकन व अनुभवप्रकाश आदि। समय–वि.१७७९ ई०१७२२। (ती./४/२९)। मो.मा.प्र./प्र.२ परमानन्दशास्त्री।