अर्थ सम्यक्त्व
From जैनकोष
सम्यग्दर्शन के दस भेदों में से आठवाँ भेद अर्थ सम्यग्दर्शन है। आत्मानुशासन/14 संजातार्थात्कुतश्चित्प्रवचनवचनांयंतरेणार्थदृष्टि:। = अंग बाह्य आगमों के पढ़ने के बिना भी उनमें प्रतिपादित किसी पदार्थ के निमित्त से जो अर्थश्रद्धान होता है वह अर्थसम्यग्दर्शन कहलाता है। ( दर्शनपाहुड़/ टीका /12/12/20)।
अधिक विस्तार के लिए देखें सम्यग्दर्शन - I.1.2।