द्यानतराय
From जैनकोष
आगरा निवासी गोयल गोत्री अग्रवाल श्रावक थे। कृतियें–धर्मविलास (पदसंग्रह), पूजापाठ व भक्तिस्तोत्र, रूपक काव्य, प्रकीर्णक काव्य। समय–वि०१७३०-१७८५। (ती./४/२७६)।
आगरा निवासी गोयल गोत्री अग्रवाल श्रावक थे। कृतियें–धर्मविलास (पदसंग्रह), पूजापाठ व भक्तिस्तोत्र, रूपक काव्य, प्रकीर्णक काव्य। समय–वि०१७३०-१७८५। (ती./४/२७६)।