धनपति
From जैनकोष
(म.पु./६५/श्लोक) कच्छदेश में क्षेमपुरी का राजा था।२। पुत्र को राज्य दे दीक्षा धारण की।६-७। ग्यारह अंगों का ज्ञान प्राप्त कर तीर्थंकर प्रकृति का बन्ध किया। समाधिमरण कर जयन्त विमान में अहमिन्द्र हुए।८-९। यह अरहनाथ भगवान् का पूर्व का दूसरा भव है–देखें - अरनाथ।